मैंने इंटरव्यू देखा,
मैंने इंटरव्यू सुना,
पर यह समझ नहीं आया,
वैदिक ने इंटरव्यू लिया, या
हाफ़िज़ ने जबरदस्ती दिया.
मैंने इंटरव्यू सुना,
पर यह समझ नहीं आया,
वैदिक ने इंटरव्यू लिया, या
हाफ़िज़ ने जबरदस्ती दिया.
हम आज ऐसे समाज में रहते हैं जो बहुत तेजी से बदल रहा है और हम सबके लिए नए तनावों की स्रष्टि कर रहा है. पर साथ ही साथ समाज में घट रही बहुत सी घटनाएं हमारे चेहरे पर मुस्कान ले आती हैं. हमारे तनाव, भले ही कुछ समय के लिए, कम हो जाते हैं. हर घटना का एक हास्य-व्यंग का पहलू भी होता है. इस ब्लाग में हम उसी पहलू को उजागर करने का प्रयत्न करेंगे.