चलो दिलदार चलें,
उनके दरबार चलें.
छपती है उनकी फोटो,
जिन सरकारी विज्ञापनों में,
लेकर अपने साथ सभी,
आओ वह अखवार चलें.
झूठ और बेईमानी,
चुगलखोरी, चापलूसी,
भ्रष्टाचार के फूलों से बना,
पहन कर वह हार चलें.
पिछला जन्म याद नहीं,
अगला जन्म पता नहीं,
इस जन्म में मौज करलें,
बस बन कर मक्कार चलें.
राष्ट्रभक्ति, समाजसेवा,
ग़रीबों का दर्द,
पीड़ितों की पीड़ा,
यह सब हैं बेकार, चलें.
उनके दरबार चलें.
छपती है उनकी फोटो,
जिन सरकारी विज्ञापनों में,
लेकर अपने साथ सभी,
आओ वह अखवार चलें.
झूठ और बेईमानी,
चुगलखोरी, चापलूसी,
भ्रष्टाचार के फूलों से बना,
पहन कर वह हार चलें.
पिछला जन्म याद नहीं,
अगला जन्म पता नहीं,
इस जन्म में मौज करलें,
बस बन कर मक्कार चलें.
राष्ट्रभक्ति, समाजसेवा,
ग़रीबों का दर्द,
पीड़ितों की पीड़ा,
यह सब हैं बेकार, चलें.