भ्रष्टाचार है - तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करना, कानून की अवहेलना, योग्यता के मुकाबले निजी पसंद को तरजीह देना, रिश्वत लेना, कामचोरी, अपने कर्तव्य का पालन न करना, सरकार में आज कल यही हो रहा है. बेशर्मी भी शर्मसार हो गई है अब तो.

Tuesday, December 29, 2009

वह सीएम् की कुर्सी पर ऊंघ रही हैं

प्रेस पार्टी ख़बरें सूंघ रही थी,
मुख्य मंत्री दफ्तर में ऊंघ रही थी,
जनता ने तीसरी बार जिताया,
कारण आज तक समझ नहीं आया,
खुद मैंने खुद को वोट नहीं डाला,
पर जनता मुझे ही वोट डाल गई,
क्या जनता बेबकूफ है?
या कोई साजिश कर रही है?
घर और बाहर कोई सुरक्षित नहीं,
चोर और पुलिस में कोई अंतर नहीं,
सड़कों में गड्ढे या गड्ढों में सड़कें?
मौत बांटती ब्लू लाइन बसें,
पानी तो बिजली नहीं,
बिजली तो पानी नहीं,
अक्सर दोनों ही नहीं,
कुछ भी तो सही नहीं,
बस एक ही बात सही है,
वह सीएम् की कुर्सी पर ऊंघ रही हैं,
प्रेस पार्टी ख़बरें सूंघ रही है.

Thursday, December 17, 2009

चोर और मंत्री

माननीय धनिया राम,
इस बार मंत्री बन ही गए,
मीडिया वाले उन के घर आये,
उन का इंटरव्यू लिया,
अंत में एक सवाल पूछा,
किस का हाथ है?
आपकी इस सफलता के पीछे,
धनिया जी मुस्कुराए,
अपनी पत्नी की और इशारा किया,
सही है सब ने कहा,
हर सफल आदमी के पीछे,
होती है एक औरत.

केमरा घूम गया,
श्रीमती धनिया राम की तरफ,
वह मुस्कुराई और बोली,
धनिया जी एक चोर थे,
अक्सर पकडे जाते,
जम कर ठुकाई होती,
मेरे मन में एक ख़याल आया,
मैंने धनिया जी को समझाया,
चुनाव क्यों नहीं लड़ते,
अगर जीत गए और मंत्री बन गए,
तो रोज चोरी करना देश के धन की,
जो पुलिसवाले आज ठोकते हैं,
तब सलाम करेंगे,
आज दस नम्बरी कहलाते हो,
तब माननीय कहलाओगे,
इन्होनें मेरी बात मान मान ली,
आज पुलिस विभाग के मंत्री हैं,
पुलिस और चोर,
दोनों भेंट चढाते हैं,
मांननीय धनिया राम जी
सारे देश में पूजे जाते हैं,
पहले मात्र चोर थे,
अब चोर मंत्री हैं.

Thursday, December 10, 2009

नया प्रदेश और दहेज़

सुना है नेताजी अनशन पर बैठ गए हैं,
हाँ आपने सही सुना है,
पर क्यों यह नहीं पता चला,
अरे सबको पता है, आपको नहीं,
एक नया प्रदेश बनाओ,
यह मांग है उनकी,
नया प्रदेश, पर कहाँ, किस नाम से?
कहीं भी, किसी भी नाम से,
बस उन्हें नया प्रदेश चाहिए,
पर क्यों, कुछ तो कारण होगा,
उनके होने वाले दामाद की जिद है,
शादी में सीएम् की कुर्सी चाहिए,
और कुर्सी कोई खाली है नहीं,
नया प्रदेश बनेगा,
नई कुर्सी बनेगी,
उस पर दामाद बैठेगा.

Monday, December 7, 2009

प्रेम का नया दुश्मन

एक सुवर को मुर्गी से प्रेम हो गया,
मुर्गी भी सुवर को प्रेम करने लगी,
पर यह प्रेम पसंद नहीं आया,
दोनों के घरवालों को,
सुवर और मुर्गी का प्रेम,
न देखा कभी न सुना,
समझाया फिर धमकाया,
पर प्रेम अँधा होता है,
दोनों नहीं माने,
घर छोड़कर भाग गए,
रहने लगे लिव-इन रिलेशनशिप में,
एक रात सुवर ने चुम्बन लिया मुर्गी का,
सुबह दोनों मृत पाए गए,
डाक्टरी जांच से पता चला,
सुवर मरा बर्ड फ़्लू से,
मुर्गी मरी स्वाईन फ़्लू से.
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