भ्रष्टाचार है - तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करना, कानून की अवहेलना, योग्यता के मुकाबले निजी पसंद को तरजीह देना, रिश्वत लेना, कामचोरी, अपने कर्तव्य का पालन न करना, सरकार में आज कल यही हो रहा है. बेशर्मी भी शर्मसार हो गई है अब तो.

Thursday, July 17, 2014

इंटरव्यू

मैंने इंटरव्यू देखा,
मैंने इंटरव्यू सुना,
पर यह समझ नहीं आया,
वैदिक ने इंटरव्यू लिया, या
हाफ़िज़ ने जबरदस्ती दिया.  

Thursday, July 10, 2014

बुरे दिन

अरे ओ अल्लाह के बन्दों,
दिला दो अल्लाह के नाम पर,
नेता विपक्ष की कुर्सी.

किया था त्याग पीएम की कुर्सी का,
तरस रही हूँ नेता विपक्ष की कुर्सी को,
सबके आये अच्छे दिन,
मेरे आये बुरे दिन.


Saturday, March 23, 2013

बलात्कार

"तीन बच्चे, उम्र पैतीस साल,
कौन करेगा ऎसी बूढ़ी से बलात्कार?"
यह कह कर चले गये,
पुलिस के उच्चाधिकारी.

बलात्कार पीडिता के साथ,
फिर हुआ बलात्कार,
इस बार पुलिस द्वारा.

कोई शर्मिंदा नहीं हुआ,
न मुख्य मंत्री,
न गृह मंत्री,
शर्मिंदा हुई भारत माता.

मुझे बचपन में सिखाया था,
जहाँ नारी का सम्मान होता है,
वहाँ देवता निवास करते हैं,
इन्हें बचपन में क्या सिखाया होगा,
इनके माता-पिता ने?

Sunday, March 17, 2013

राजनीति की कीचड़ और भ्रष्टाचार

लोहे लोहे को काटता है,
सुनी होगी आप ने यह कहावत,
कभी सोचा है इसे चरितार्थ करें?
हमने सोचा तक नहीं,
पर यह बीड़ा उठा लिया उन्होंने |

राजनीति और सत्ता कीचड़ है,
इस कीचड़ को साफ़ करेंगे,
इस कीचड़ में उतर कर,
सत्ता की कुरसी पर बैठ कर |

तुम मुझे कुर्सी दो,
मैं भ्रष्टाचार दूर करूँगा |

हम समझ नहीं पाए,
सत्ता की कुर्सी पर बैठ कर,
भष्टाचार को कैसे दूर करेंगे?
सत्ता की कुर्सी पर बैठ कर,
भ्रष्टाचार किया जाता है,
उसे दूर नहीं किया जाता |

चलिए ऐसा ही सही,
हमने फिर कमर कस ली है,
जन लोकपाल आंदोलन फिर होगा,
पर अब इनके भ्रष्टाचार के खिलाफ | 

Saturday, March 16, 2013

बापू का उपदेश

बापू के जन्म दिवस पर आयोजित,
कई कार्यक्रमों में,
मंत्री जी ने फरमाया,
बापू का यह उपदेश,
पाप से घृणा करो पापी से नहीं,
अपनाया है मैंने अपने जीवन में,
पर करके उसमें सुधार,
केवल पापियों को नहीं,
उनके पाप को भी,
अपनाया है,
गले से लगाया है |


व्यंग पर व्यंग

सरकार पर लिखा है मैंने एक व्यंग,
सुनोगे?

सरकार पर व्यंग,
यह कैसे संभव है?
सरकार तो खुद है एक व्यंग,
एक संपूर्ण राष्ट्रीय व्यंग |

व्यंग पर व्यंग?
यह भूल मत करना,
वरना छलक उठेगा,
करुणा रस,
रचा पगा बीभत्स रस में |

Friday, March 15, 2013

कूड़ा संस्कृति

हमारे अपार्टमेन्ट में आती है,
नगर निगम की कूड़ा गाड़ी,
रिकार्डेड मेसेज बजता है,
कृपया कूड़ा सड़क पर न फेंकें,
गाड़ी में रखे कूड़ेदान में डालें |

एक दिन एक निवासी ने कहा,
धन्यवाद,
हम कूड़ा सड़क पर नहीं फेंकते,
हम कूड़ा पार्क में फेंकते हैं,
और कूड़ा कूड़ेदान में,
नहीं यह हमारी संस्कृति नहीं है |


Sunday, February 3, 2013

दरबारे खास

चलो दिलदार चलें,
उनके दरबार चलें.
छपती है उनकी फोटो,
जिन सरकारी विज्ञापनों में,
लेकर अपने साथ सभी,
आओ वह अखवार चलें.
झूठ और बेईमानी,
चुगलखोरी, चापलूसी,
भ्रष्टाचार के फूलों से बना,
पहन कर वह हार चलें.
पिछला जन्म याद नहीं,
अगला जन्म पता नहीं,
इस जन्म में मौज करलें,
बस बन कर मक्कार चलें.
राष्ट्रभक्ति, समाजसेवा,
ग़रीबों का दर्द,
पीड़ितों की पीड़ा,
यह सब हैं बेकार, चलें.

Monday, January 28, 2013

सोते रहो ग्राहक

सरकार कहती है जागो ग्राहक,
पर खुद सोती रहती है,
बीच-बीच में जागती है,
जागते ही महंगाई बढ़ जाती है,
मैं कहता हूँ,
क्या करोगे जाग कर?
जागोगे तो भूख लगेगी,
सोते रहो,
सपने में खाना खाते रहो. 

मुस्तैद सरकार

जनता के पैसे से विज्ञापन छपवाना,
उसमें अपनी फोटो छपवाना,
खोखले वादे करना,
जैसे हर प्लेट में खाना,
बस यही एक काम,
मुस्तैदी से करती है सरकार. 

Sunday, January 27, 2013

खेल खत्म, पैसा हजम

उन्होंने नारे लगाए,
प्रदर्शन और अनशन किया,
भ्रष्टाचार खत्म करना है,
जनलोकपाल लाना है,
जनता साथ खडी हो गई.

जन आंदोलन ने जोर पकड़ा,
लगा जनलोकपाल आ जाएगा,
पर सत्ता की भूख जाग उठी,
पहले हम पार्टी बनायेंगे,
फिर सत्ता में आयेंगे,
जनता हमें मंत्री बनाए,
हम जन लोकपाल बनाएंगे. 

Saturday, January 26, 2013

पैसे जनता के, फोटो उनके

वह छपवाती हैं अपने फोटो,
जनता के पैसे से खरीदे,
हर सरकारी विज्ञापन में.
मैं भारत का नागरिक,
रोज अपमानित होता हूँ,
उनके फोटो देख कर,
अखवारों में. 

गणतंत्र दिवस

शर्मा जी आज दुखी थे,
गणतंत्र दिवस शनिवार को आया,
छुट्टी एक बेकार गई.
मुझे याद आया,
भामाब्यूरो ने मनाया था,
विश्व मानक दिवस,
१५ अक्टूबर को,
क्योंकि रविवार था,
१४ अक्टूबर को.
अगर ब्यूरो को मिलती जिम्मेदारी,
गणतंत्र दिवस मनाने की,
तो इस वर्ष मनाया जाता गणतंत्र दिवस.
२८ जनवरी को. 

Friday, January 25, 2013

सही और गलत

जिन लोगों पर,
पुलिस ने लाठी चलाई,
उन्हें सेल्यूट किया,
मुख्य न्यायाधीश ने.
गिरेसचिव ने तारीफ़ की,
पुलिस आयुक्त की,
गिरेमंत्री सहमत हुए,
पीएम ने कहा जरूरी था,
लाठी चलाना. 

कौन सही है?
कौन गलत है? 

गृह (गिरे) मंत्री

उन्हें खुश करने के लिए,
गृह मंत्री गिर पड़े, 
गिरते चले गये,
इतना गिरे,
लोगों ने उनका नाम,
गिरे मंत्री रख दिया.  
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