सरकार पर लिखा है मैंने एक व्यंग,
सुनोगे?
सरकार पर व्यंग,
यह कैसे संभव है?
सरकार तो खुद है एक व्यंग,
एक संपूर्ण राष्ट्रीय व्यंग |
व्यंग पर व्यंग?
यह भूल मत करना,
वरना छलक उठेगा,
करुणा रस,
रचा पगा बीभत्स रस में |
सुनोगे?
सरकार पर व्यंग,
यह कैसे संभव है?
सरकार तो खुद है एक व्यंग,
एक संपूर्ण राष्ट्रीय व्यंग |
व्यंग पर व्यंग?
यह भूल मत करना,
वरना छलक उठेगा,
करुणा रस,
रचा पगा बीभत्स रस में |
1 comment:
accha vyang hai..
http://sunnymca.wordpress.com/2013/08/25/no-shame-in-scam/
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