शर्मा जी बहुत खुश थे,
केटल क्लास में सफ़र करके,
सरकार खर्चा बचा रही है,
वर्मा जी नाराज थे,
सरकार खर्चा नहीं बचा रही,
आम आदमी का मजाक उड़ा रही है,
कितने दिन चलेगा यह नाटक?
खर्चा बचाने का.
वर्मा जी बोले,
अखवार भरे हैं,
सरकारी विज्ञापनों से,
विज्ञापन भरे हैं फोटो से,
राजनीतिबाजों के,
किसका पैसा है यह?
क्यों नहीं होती इस में,
खर्चा बचाने की मुहिम?
हाँ भाई, शर्मा जी बोले,
खुले आम हो रही है चमचागिरी,
हर विज्ञापन में मेडम की फोटो,
मेडम पार्टी में हैं, सरकार में नहीं,
पैसा जनता का है, पार्टी का नहीं,
यह मजाक सिर्फ जनता से नहीं,
कानून के साथ भी है.
3 comments:
हाँ भाई, शर्मा जी बोले,
खुले आम हो रही है चमचागिरी,
हर विज्ञापन में मेडम की फोटो,
मेडम पार्टी में हैं, सरकार में नहीं,
पैसा जनता का है, पार्टी का नहीं,
यह मजाक सिर्फ जनता से नहीं,
कानून के साथ भी है.
हाँ भाई, शर्मा जी बोले
rajniti me kharcha bachane ki bat, kaisi baat... karte hai sahib...!
rachana shandar hai, yathartha ka varnan hai...
अरे मेडम नही देश की बहू कहे, महा रानी कहे, वरना त्याग की मुर्ति नराज न हो जाये, सारा जहाज एक आदमी के लिये बुक कर दिया, ओर फ़िर भी बचत राम राम
Post a Comment