बेशर्म आम आदमी,
हर समय शिकायत करता है,
सरकार ने यह नहीं किया,
सरकार ने वह नहीं किया,
बेबकूफ यह भी नहीं जानता,
सरकार आम आदमी से बनती है,
आम आदमी से चलती नहीं,
सरकार बनाने की कीमत दी थी तुझे,
दारू, मुर्गा, कम्बल और ढेर आश्वासन,
साला सब भूल गया,
एहसान फरामोश कहीं का,
कितनी दरियादिल है सरकार,
हर पांच साल बाद आती है,
और बांटती है दारू, मुर्गा, कम्बल,
पुराने और नए-नए आश्वासन,
पर बेशर्म आम आदमी,
करता रहता है हर समय शिकायत.
हर समय शिकायत करता है,
सरकार ने यह नहीं किया,
सरकार ने वह नहीं किया,
बेबकूफ यह भी नहीं जानता,
सरकार आम आदमी से बनती है,
आम आदमी से चलती नहीं,
सरकार बनाने की कीमत दी थी तुझे,
दारू, मुर्गा, कम्बल और ढेर आश्वासन,
साला सब भूल गया,
एहसान फरामोश कहीं का,
कितनी दरियादिल है सरकार,
हर पांच साल बाद आती है,
और बांटती है दारू, मुर्गा, कम्बल,
पुराने और नए-नए आश्वासन,
पर बेशर्म आम आदमी,
करता रहता है हर समय शिकायत.
6 comments:
sida prhaar hai aap ki sabhi kavitaaye............
abhaar ba bdaaiya kabul kre..
nice
आपका विचार सराहनीय है|
बहुत बधाई आपको
accha kataksh !
इलेक्शन का जोर था ..
चारो ओर नेताओ का शोर था ...
हर तरफ नेताओ क बेंनर व झंडे थे...
वोट माग रहे थे वो जिनके हाथो में बड़े बड़े डंडे थे ...
इसे में मेरे भी मनं में नेता बनने का ख्याल आया ...
मैंने एक धुरंदर नेता को अपना गुरु बनाया ....
गिरकर चरणों में मैंने कहा ...
गुरुवर सिखाओ हमे भी राजनीती का गुण...
बन क नेता हम भी कमाए जनसेवा का पुन...
सुन इतनी बात वो मुझपर चिलाये...
बनना है नेता तो जनसेवा को भूल जाओ...
ओर करनी है जनसेवा तो राजनीती से दूर जाओ ....
मैने कहा माफ़ करो सरकार ....
सिखाओ राजनीती करो मुझ पर उपकार....
शांत हो गुरूवर बोले-
बेटा बनना है नेता तो मान मेरा कहना...
सच्चाई ईमानदारी को भूल जाओ ...
झूट ओर बईमानी से हाथ मिलाओ...
भूल कर भी कभी सच ना कहना...
झूटे वादे करना बड़े बड़े ...
दे कोई गाली तो सुनना चुपचाप खड़े खड़े ...
मगर जीतने के बाद जनता क सामने न आना...
मगर गुरूवर ऐसे तो में अगला इलेक्शन हार जाउगा..
नहीं अगली बार फिर से नए वादे लाना ...
अपने में अच्छाई न मिले तो विपक्षी की कमिय बताना....
और फिर भी काम न चले तो ...
दारू , रुपीये और डाँडो से वोट कमाना ...
और फिर से जीत जाना ...
और फिर से जीत जाना ...
AC
आपके व्यंग भुत अच्छे है ...नये व्यंग की पर्तिक्षा में...
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