किताबों में पढ़ी थी,
प्रजातंत्र की परिभाषा,
अब पता चला,
भारत एक राजतान्त्रिक देश है,
जनता द्वारा चुने जाने के बाद,
जन-प्रतिनिधि राजा हो जाते हैं
और सत्ता की राजनीति चलाते हैं.
हम आज ऐसे समाज में रहते हैं जो बहुत तेजी से बदल रहा है और हम सबके लिए नए तनावों की स्रष्टि कर रहा है. पर साथ ही साथ समाज में घट रही बहुत सी घटनाएं हमारे चेहरे पर मुस्कान ले आती हैं. हमारे तनाव, भले ही कुछ समय के लिए, कम हो जाते हैं. हर घटना का एक हास्य-व्यंग का पहलू भी होता है. इस ब्लाग में हम उसी पहलू को उजागर करने का प्रयत्न करेंगे.
4 comments:
हजारों जुर्म करके भी फिरें उजल लिबासों में।
करिश्में हैं सियासत के,वकीलों के,अदलत के।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
बहुत सुनदर लगा आप का यह किताबी प्रजातंत्र
धन्यवाद
किताबों में जो लिखा है उस से धंधा नहीं चलता. बेचारे नेता प्रजातंत्र चलायें या अपना धंधा चलायें?
कितनी गूढ़ बात .
अच्छी अभिव्यक्ति .
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