राजमाता के चरणों में शत-शत नमन.
आप क्यों चिंता करती हैं राजमाता? आपकी लोक सभा के लिए चुनावों का कार्यक्रम आपके चुनाव आयोग ने घोषित कर दिया है. चुनाव होंगे और जरूर होंगे. आप चाहती हैं, चुनाव निष्पक्ष हों, देश के अन्दर और देश के बाहर सारी दुनिया को लगे कि चुनाव निष्पक्ष हुए हैं, इसलिए चुनाव निष्पक्ष होंगे. मेरी निष्पक्ष चुनाव की परिभाषा वही है जो आपकी है - केवल वही चुनाव निष्पक्ष है जिस में राजमाता की पार्टी जीतती है. इसलिए आप कोई चिंता न करें. में हूँ न.
मेरे खिलाफ शिकायत थी. मेरे बड़े आयुक्त भाई ने उस पर जांच की और मुझे दोषी पाया. मुझे पद से हटाने की सिफारिश कर दी राष्ट्रपति को. शिकायत भी सही थी, जांच भी सही थी, सिफारिश भी सही थी, पर बड़े भाई यह भूल गए कि सत्य वही होता है जिसे राजमाता सत्य कहें. राष्ट्रपति ने आपके निर्देश को सत्य माना और सबको धता बता दी. अब बड़े भाई के हटते ही मैं बड़ा भाई हो जाऊँगा. उसके बाद आपको कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है - मैं हूँ न.
यह देश आपका है, इस देश की राष्ट्रपति आपकी हैं, इस देश के उपराष्ट्रपति आपके हैं. इस देश के प्रधान मंत्री आपके हैं. सारे मंत्री आपके हैं. अब इस देश के चुनाव आयोग का मुखिया भी आपका है. यह सब लोग रात-दिन यही कहते रहते हैं - हम हैं न. चुनाव के मामले में भी आप कोई चिंता न करें - मैं हूँ न.
मैं तो यह कहूँगा कि चुनाव की आवश्यकता ही क्या है. लोग नामांकन पत्र भरेंगे. जांच के बाद बस 'हाथ' वाले उम्मीदवार का पर्चा सही पाया जायेगा. बाकी सारे पर्चे किसी न किसी कारण से अस्वीकार कर दिए जायेंगे. सारे 'हाथ' वालों को निर्विरोध निर्वाचित कर दिया जायेगा. जिनको विरोध करना है करेंगे. सारा संसार देखेगा कि भारत में सबको विरोध करने का अधिकार है. सब यही कहेंगे कि सच्चा प्रजातंत्र है भारत. मुझे चुनाव आयोग का मुखिया बनाने में आपने भारतीय जनता और अदालत को जैसे धता बताई वैसे ही मैं भी धता बता दूंगा. आप चिंता न करें - मैं हूँ न.
आप नाराज न हों. मैंने तो बस एक राय दी थी. ठीक है मैं समझ गया. मुझे अपनी औकात में रहना है. आप चाहती हैं कि सब कुछ सही तरह से हो. मुझे जो गलत करना है वह भी सही तरह से हो. जहाँ सही करने से 'हाथ' को फायदा हो वहां सही करना है. यहाँ गलत करने से फायदा हो वहां गलत करना है. मतलब यह कि हर हाल में 'हाथ' को ही फायदा होना चाहिए. आप चिंता न करें ऐसा ही होगा - मैं हूँ न.
इस पत्र को पढ़ कर जला दीजियेगा.
आपका
मैं हूँ न.
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