भ्रष्टाचार है - तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करना, कानून की अवहेलना, योग्यता के मुकाबले निजी पसंद को तरजीह देना, रिश्वत लेना, कामचोरी, अपने कर्तव्य का पालन न करना, सरकार में आज कल यही हो रहा है. बेशर्मी भी शर्मसार हो गई है अब तो.

Thursday, November 6, 2008

ट्रेफिक जाम

लोगों ने ट्रेफिक जाम लगाया,
लोगों ने ट्रेफिक जाम हटाया,
पुलिस चेक पोस्ट पर बैठी रही,
गाड़ियों को रोकती रही,
जेब गरम करती रही.

2 comments:

Unknown said...

trafic police ke bare me sachchai yahi hai

Sadhak Ummedsingh Baid "Saadhak " said...

हर सरकारी आदमी,कामचोर-निट्ठल्ला.
दो कौङी का है मगर, बहुत मचाये हल्ला.
बहुत मचाये हल्ला, ताकत है कानूनी.
इसके लिये है पुलिस-फ़ौज-अमला कानूनी.
कह साधक वे खुद को समझे बैठे अमरी.
मौत नाचती सिरपर, ना समझे सरकारी.

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