मेरे कुछ ब्लाग्स पर बिखरी पड़ी हैं कुछ हंसिकाएं। सोचा इकट्ठी कर के यहाँ डाल दूँ।
तुम काली हो ये फरिश्तों की भूल है/
वो तिल लगा रहे थे कि स्याही बिखर गयी।
"जो कुछ अच्छा हुआ,
वह हमने किया,
जो कुछ बुरा हुआ,
वह किया अधिकारियों ने",
यह सीधी बात नहीं समझती जनता,
ख़ुद भी होती है परेशान,
हमें भी करती है परेशान.
कुछ मत देखो,
कुछ मत सुनो,
कुछ मत कहो,
बस हमें वोट देते रहो।
सरकार करती हे रोजगार,
बेचती है पानी,
अगली चीज क्या बेचेगी सरकार?
हवा, सूरज की धूप या फूलों की खुशबू.
"लोग मुझे युवराज कहें,
यह मुझे अच्छा नहीं लगता,
क्या वह मुझे राजा नहीं कह सकते?"
लोगों ने ट्रेफिक जाम लगाया,
लोगों ने ट्रेफिक जाम हटाया,
पुलिस चेक पोस्ट पर बैठी रही,
गाड़ियों को रोकती रही,
जेब गरम करती रही.
भारत एक राजतान्त्रिक देश है,
जनता द्वारा चुने जाने के बाद,
जन-प्रतिनिधि राजा हो जाते हैं
और सत्ता की राजनीति चलाते हैं.
हम आज ऐसे समाज में रहते हैं जो बहुत तेजी से बदल रहा है और हम सबके लिए नए तनावों की स्रष्टि कर रहा है. पर साथ ही साथ समाज में घट रही बहुत सी घटनाएं हमारे चेहरे पर मुस्कान ले आती हैं. हमारे तनाव, भले ही कुछ समय के लिए, कम हो जाते हैं. हर घटना का एक हास्य-व्यंग का पहलू भी होता है. इस ब्लाग में हम उसी पहलू को उजागर करने का प्रयत्न करेंगे.
भ्रष्टाचार है - तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करना, कानून की अवहेलना, योग्यता के मुकाबले निजी पसंद को तरजीह देना, रिश्वत लेना, कामचोरी, अपने कर्तव्य का पालन न करना, सरकार में आज कल यही हो रहा है. बेशर्मी भी शर्मसार हो गई है अब तो.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Get your website at top in all search engines
Go to his site
For free advice on management systems - ISO 9001, ISO 14001, OHSAS 18001, ISO 22000, SA 8000 etc.
Contact S. C. Gupta at 9810073862
e-mail to qmsservices@gmail.com
Contact S. C. Gupta at 9810073862
e-mail to qmsservices@gmail.com
Visit http://qmsservices.blogspot.com
2 comments:
तुम काली हो ये फरिश्तों की भूल है/
वो तिल लगा रहे थे कि स्याही बिखर गयी।
भाई अब फ़रिशते को पकड कर इसे उस के हवाले कर दो, कही सभी कालिया आप के पीछे लग गई तो????????
Jai ho Sir ji
Sadar Abhivadan
Post a Comment