किसी ने राम जे से पूछा, 'आपने संजय का मुकदमा लड़ा था, पर अब जब उस ने चुनाव लड़ने का सोचा तो आपने न जाने क्या-क्या कह डाला. उसके एमपी बनने को देश के लिए खतरा बता दिया'.
'क्यों न कहूं?', राम जे बोले, 'मुक़दमे की फीस नहीं मिली अभी तक'.
किसी ने अमर से पूछा, 'आपने कहा संजय को चुनाव में खड़ा करेंगे, अगर अदालत ने आपत्ति की तो मान्यता को खड़ा कर देंगे, क्या कोई और नहीं मिल रहा आपको?'
अमर बोले, 'यह कांग्रेस के एकाधिकार के ख़िलाफ़ हमारी जंग है. क्या कांग्रेस का दत्त परिवार पर एकाधिकार है? पहले पिताजी, फ़िर बेटी, अब नजर डाल रहे थे बेटे पर. हमने उनसे पहले , अपना दावा ठोक दिया.'
किसी ने अर्जुन से पूछा, 'जब आपने कहा था उन्हें पीएम बनाओ तो आपको डांट पड़ी थी, अब जब प्रणब ने यही कहा तो किसी न उन्हें नहीं डांटा. यह भेद-भावः क्यों?'
'अपना-अपना मुकद्दर है. लगता है प्रणब की चमचागिरी मेरी चमचागिरी से ज्यादा पसंद है उन्हें.', वह दुखी मन से बोले.
किसी ने अमर से फ़िर पूछा, 'अगर संजय जीत गए और आपकी सरकार बन गई तो उन्हें कौन सा मंत्रालय देंगे?'
'स्वास्थ्य मंत्रालय' उन्होंने तुंरत जवाब दिया, 'आपने देखा नहीं, उसने डाक्टरी परीक्षा में टॉप किया था उस फ़िल्म में, और कितने मरीजों को ठीक किया था. संजय से अच्छा स्वास्थ्य मंत्री हो ही नहीं सकता'.
'लेकिन वह तो ऐक्टिंग थी'.
'अरे भाई, असल में भी तो ऐक्टिंग ही करते हैं स्वास्थ्य मंत्री'.
'लेकिन संजय ने तो दादागिरी की थी'.
'और इन्होनें भी तो दादागिरी ही की थी एम्स के निदेशक के ख़िलाफ़'.
किसी ने गिलानी से कहा, 'आप ने खूब खरी-खोटी सुनाई भारत और सारी दुनिया को. किस ने लिखा था यह भाषण?'
'किसी ने नहीं. जरदारी साहब ने अपने आफिस में बुला कर सारी तोहमत मेरे ऊपर लगा दी मुंबई हमले की. मेरा दिमाग फ़िर गया. बस में बाहर आया और शुरू हो गया'. गिलानी ने खुलासा किया.
'भारत में टीवी वाले खूब मजाक उड़ा रहे थे आपका'.
'उडाने दो. हमने उनके इतने आदमियों को उड़ा दिया. उन्हें कम से कम मजाक तो उडाने दो', गिलानी ने अपनी पीठ ठोकते हुए कहा.
2 comments:
वाह ये व्यंग्य भी खूब रहा ! मजा आ गया !
बहुत सुंदर.
धन्यवाद
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