केंद्र में कांग्रेस सरकार और दिल्ली की मुख्य मंत्री यह दावा करती हैं कि दिल्ली एक विश्व स्तर का शहर है - यह हास्य है. दिल्ली की जनता ने शीला जी को तीसरी बार मुख्य मंत्री बनाया - यह व्यंग है. मैंने उन्हें वोट नहीं दिया. इस का एक कारण था कि मैंने डीडीए डिस्ट्रिक्ट पार्क पश्चिम पुरी को देखा है. अगर आप इस पार्क को देख लेते तब शायद आप भी शीला जी को तीसरी बार वोट नहीं देते. अगर आपने अभी तक इस पार्क को नहीं देखा है तब मैं आपको इस पार्क में आने का निमंत्रण देता हूँ. जब तक इस के लिए समय निकालें, तब तक इस लिंक पर क्लिक करें और यह स्लाइड शो देखें.
हम आज ऐसे समाज में रहते हैं जो बहुत तेजी से बदल रहा है और हम सबके लिए नए तनावों की स्रष्टि कर रहा है. पर साथ ही साथ समाज में घट रही बहुत सी घटनाएं हमारे चेहरे पर मुस्कान ले आती हैं. हमारे तनाव, भले ही कुछ समय के लिए, कम हो जाते हैं. हर घटना का एक हास्य-व्यंग का पहलू भी होता है. इस ब्लाग में हम उसी पहलू को उजागर करने का प्रयत्न करेंगे.
भ्रष्टाचार है - तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करना, कानून की अवहेलना, योग्यता के मुकाबले निजी पसंद को तरजीह देना, रिश्वत लेना, कामचोरी, अपने कर्तव्य का पालन न करना, सरकार में आज कल यही हो रहा है. बेशर्मी भी शर्मसार हो गई है अब तो.
Thursday, June 17, 2010
दिल्ली एक विश्व स्तर का शहर है - इसे हास्य कहूं या व्यंग ???
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7 comments:
हास्य काहे का जी, यह तो व्यंग्य है, एकदम झक्कास व्यंग्य है. जो इसे सीरियसली कहे उसे जमना में डूब मरना चाहिये...
अभी शीला आंन्टी बिजली कम्पनी को फायदा पहुंचाने के लिये इनके रेट बढाने में व्यस्त हैं, नहीं आयेंगी.
मुख्यमंत्री हैं भई...उनकी मर्ज़ी, जो चाहे सो कहें. और फिर हमारा क्या है, हम दिल्ली वाले तो पागल हैं ... यूं ही उनकी बातों के उल्टे-उल्टे मतलब निकालते रहते हैं
झांसा कहिये....
मेरे विचार से इस छलावा कहना ज्यादा बेहतर होगा
आपको मेट्रो नहीं दिखी क्या?
i like it.
sheela ji ko ek din ke liye delhi ki sarkon par le jaana chahiye.
gunda raaz hai.
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