एक नौजवान का दिमागी संतुलन बिगड़ गया और उसे अस्पताल में भरती कराना पड़ा. वह अपने तलाकशुदा मां-बाप से मिलने को तैयार नहीं था. हुआ यह कि उसके पिता ने अपनी बात ऊंची रखने के लिए उसकी शादी अपने रिश्तेदारी में अपनी पसंद की लड़की से करा दी. जब उस की मां को यह पता चला तो उसे बहुत गुस्सा आया. उसने भी बेटे की शादी अपनी रिश्तेदारी में अपनी पसंद की लड़की से करा दी. मामला बराबर हो गया.
पिता को पता चला तो वह भड़क गया, 'उस औरत की यह हिम्मत कि मुझसे बराबरी करे'. तुंरत उसने बेटे की एक और शादी करवा दी. अब मां की बारी थी. उस से पिता की यह बढ़त बर्दाश्त नहीं हुई. उसने अपनी रिश्तेदारी में एक लड़की पसंद की और बेटे की चौथी शादी करवा दी. बेटा मां-बाप का यह प्यार और ज्यादा बर्दाश्त नहीं कर सका. अब वह अस्पताल में है और मां या बाप किसी का भी नाम सुनने पर भड़क उठता है.
4 comments:
" उफ़,ये तो हादसा हो गया उसके साथ, भगवान उसे ठीक करे और हौसला दे और उसके माँ बाप को बुद्धि दे'
regards
samajh main nahi aa raha ki hase ki roye.. ha ha ha...
एकबार, दो बार, तीन बार, चार बार लड़का था कि काठ का गुड्डा। जिधर उठाया उठ गया, जिधर बैठाया बैठ गया।
बहुत खूब.
अस्पताल तो जायेगा ही. लोगों को एक बीबी ही भारी पड़ती है, यह बेचारा तो चार बीबियों का मारा हुआ है.
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